Monday, January 20, 2014

प्यार मुझसे जताती रहती  है
और फिर आज़माती  रहती है

ज़िक्र मेरे   सुधरने  का करके
ऐब मेरे गिनाती रहती है

मेरी तन्हाइयों के शानों पर
याद चाबुक चलाती रहती है

उसको आना है ख्वाब में शायद
नींद चक्कर लगाती रहती है

दर्द अपने सुनाने को दुनिया
शेर' मुझसे लिखाती रहती है !

1 comment:

  1. दर्द अपने सुनाने को दुनिया
    शेर' मुझसे लिखाती रहती है

    ......बेहतरीन गज़ल।

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