Thursday, January 29, 2015

 थाम ले आके जो सुनता हो दुहाई मेरी
बस तेरे हाथ में जंचती है कलाई मेरी

यूँ मेरे होने का दुनिया को पता मिलता है
उनसे कहना  कि करें और बुराई मेरी

याद-ए -माज़ी या तेरे ख़त से बहलता ही नहीं
दिल को कम पड़ने लगी यार कमाई मेरी

तेरा इक़रार मुझे सिर्फ तेरा कर देता
तेरे इंकार ने तो मांग बढ़ाई मेरी

तब कहीं जाके मेरे वज़्न का एहसास हुआ
लाश काँधे पे जो दुनिया  ने उठाई मेरी